जुलाई-2017 से नवम्बर-2019 तक की अवधि के लिये किसी माह/तिमाही में विवरण-पत्र जीएसटीआर-1 प्रस्तुत नहीं कर पाने वाले जीएसटी काउंसिल में पंजीयत मध्यप्रदेश के व्यापारियों को पुन: विवरण-पत्र भरने का मौका दिया गया है। मध्यप्रदेश वाणिज्यिक कर विभाग ने फैसला लिया है कि उक्त अवधि के विवरण-पत्र नहीं भर पाये व्यापारियों द्वारा दिसम्बर-2019 से 10 जनवरी-2020 तक के बीच की अवधि में विवरण-पत्र भर दिये गए होने पर उन्हें लगने वाली लेट फीस माफ कर दी जायेगी।
काफी समय से व्यापार और उद्योग जगत के विभिन्न मंचों से की जा रही माँग के मद्देनजर प्रदेश के वाणिज्यिक कर मंत्री श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर की पहल पर उक्त निर्णय लिया गया है। वाणिज्यिक कर विभाग द्वारा उद्योग एवं व्यापार जगत को सहूलियत देने की दृष्टि से राज्य की संस्थाओं द्वारा औद्योगिक इकाईयों को इण्डस्ट्रियल प्लॉट 30 वर्ष या इससे अधिक की अवधि के लिये लीज पर देने पर उसे जीएसटी से मुक्त रखा गया है। लांग टर्म लीज प्रदान करने वाली संस्थाओं में ऐसी संस्थाओं को भी जोड़ा गया, जिनमें राज्य का हिस्सा 50 प्रतिशत या इससे अधिक हो। इसमें केन्द्र शासन की संस्थाओं को भी जोड़ा गया। इसमें प्राप्तकर्ता की श्रेणी में डेवलपर को भी जोड़ा गया। इस प्रकार, डेवलपर को भी लांग टर्म लीज लेने पर जीएसटी से मुक्त किया गया है। हाल ही में संशोधन कर एक जनवरी-2020 से राज्य अथवा केन्द्र की हिस्सेदारी 20 प्रतिशत या इससे अधिक होने पर ऐसी लांग टर्म लीज को जीएसटी से मुक्त किया गया है।
राज्य शासन द्वारा उपरोक्त उद्योग एवं व्यापार हितैषी निर्णय लिए जाने से प्रदेश में निवेश-अनुकूल वातावरण निर्मित होने के चलते प्रदेश के व्यापार जगत को दीर्घकालीन लाभ होगा।