राज्य शासन ने मंत्री और राज्य मंत्री द्वारा दी जाने वाली स्वेच्छानुदान की वार्षिक राशि में बढ़ोत्तरी की है। अब प्रत्येक मंत्री को 50 लाख के स्थान पर एक करोड़ और राज्य मंत्री को 35 लाख के स्थान पर 60 लाख रूपये वार्षिक स्वेच्छानुदान राशि की पात्रता रहेगी। मंत्रिपरिषद द्वारा गत् 4 जनवरी 2020 को लिये गये निर्णय के पालन में सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा 8 जनवरी 2020 को इस संबंध में आदेश जारी कर दिया गया है।
केबिनेट मंत्री स्वेच्छानुदान राशि से एक वर्ष में किसी एक मामले 20 हजार रूपये तक और राज्य मंत्री 16 हजार रूपये तक अनुदान दे सकेंगे। यह राशि प्राकृतिक-आकस्मिक आपदा से प्रभावित परिवार के व्यक्तियों, हाट-बाजार तथा मेलों में घटना में घायलों/मृतकों के परिवारों को, बिजली के करंट से घायल/मृत व्यक्तियों के परिवार को, रेल-बस आदि दुर्घटना, डकैतों/चोरों द्वारा लूट करने के दौरान मृतकों-घायलों के परिवारों को, खान दुर्घटना, डूबने से मृत्यु में आर्थिक सहायता दी जा सकेगी।
इसी के साथ चिकित्सा और शिक्षा के क्षेत्रों में तथा ईमानदारी और वीरतापूर्ण कार्य के लिये पुरस्कार, पाठशाला के योग्य तथा निर्धन बच्चों को प्रोत्साहन स्वरूप पुरस्कार, विधवा स्त्री, मुक्त बंधुआ मजदूर, गरीब-अनाथ लड़कियों की शादी, अत्यंत गरीब व्यक्ति, अनाथ या अपंग व्यक्ति की सहायता के लिये भी मंत्री अपने स्वेच्छानुदान से मदद कर सकेंगे। स्वच्छेनुदान राशि राजनीतिक एवं धार्मिक कार्यों के लिये स्वीकृत नहीं की जा सकेगी