उरई/ जलौन। शासन के चलाए जा रहे फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जब टीम सीएचसी परिसर मेें डॉक्टर दंपति के आवास में दर्वा खिलाने पहुंची तो डॉक्टर दंपति ने न सिर्फ दवा खाने से मना कर दिया बल्कि टीम से अभद्रता भी की। टीम ने आला अधिकारियों के साथ जिलाधिकारी को शिकायती पत्र भेजा। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता नफीस जहां निवासी उकुरवा ने जिलाधिकारी, एसीएमओ व जिला कार्यक्रम अधिकारी जालौन को पत्र भेज कर आरोप लगाया कि उसकी ड्यूटी फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम में लगी है। उसकी टीम के साथ दवा वितरण एवं सर्वे करने के लिए कदौरा के मोहल्ला ईदगाह, कटरा अस्तबल, ब्लाक कार्यालय, थाना एवं सीएचसी परिसर में ड्यूटी लगाई गई थी। गुरुवार 27 फरवरी को जब वह टीम के साथ सीएचसी परिसर में बने आवासों पर पहुंची तो वहां रह रहे महिला डॉक्टर का दरवाजा खटखटाया। जिस पर डॉक्टर बाहर निकलीं तो उनसे दवा खाने व सर्वे बुक में नाम दर्ज करने की बात कही। आरोप है कि इतना कहते ही वह फड़क उठीं और कहा गया कि भाग जाओ हम ये अस्पताल की खराब दवा नहीं खाएंगे। टीम के सदस्यों ने कहा कि हम लोगों को दवा अस्पताल से ही खिलाने को मिली हैं, जिस पर महिला डॉक्टर ने अभद्रता करते हुए भगा दिया। फिर टीम परिसर में बने अन्य आवासों में दवा का वितरण करने लगी। इसी बीच महिला डॉक्टर के डाक्टर पति आए और अभद्रता करते हुए बोले कि तेरी ड्यूटी किसने लगाई है, तेरी सेवा समाप्त कराकर तुझे जेल भिजवा दूंगा और गाली गलौज की। जिसकी शिकायत टीम ने चिकित्सा अधीक्षक अशोक कुमार से की, लेकिन चिकित्सा अधीक्षक ने भी कोई बात नहीं सुनी और भगा दिया। पीड़िता ने बताया कि जब जिम्मेदार ही दवा नही खा रहे है तो जनता कैसे खाएगी। इस संबंध में चिकित्सा अधीक्षक डा. अशोक कुमार ने बताया कि कार्यक्रम के शुरू में ही स्वास्थ्य कर्मी दवा का सेवन कर लेते हैं। इस तरह का कोई मामला उनके संज्ञान में नही है और न किसी ने कोई शिकायती पत्र दिया है। अगर शिकायती पत्र आता है तो जांच की जाएगी।
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