लखनऊ। राजधानी लखनऊ में सीएए व एनआरसी के खिलाफ घंटाघर और गोमतीनगर के उजरियांव गांव में महिलाओं का प्रदर्शन लगातार जारी है।जहां घंटाघर पर सीएए, एनआरसी व एनपीआर के खिलाफ प्रदर्शन को 41 दिन हो गए, वहीं उजरियांव गांव के पास दरगाह शरीफ के पास महिलाओं के प्रदर्शन को 38 दिन हो चुके हैं। उजरियांव गांव की महिलाओं ने प्रदर्शन के 38 पूरे होने पर बड़े ही अनोखे अंदाज में प्रदर्शन किया है, इतना ही नहीं उन्होंने प्रदर्शन के दौरान नारे भी लगाए हैं। वहीं घंटाघर की सैकड़ों महिलाओं ने एनआरसी, सीएए व एनपीआर को लेकर शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन किया है। बता दें प्रदर्शन के 38 वें दिन उजरियांव गांव की महिलाओं ने हाथों में कैंडल लेकर बैनर तले जताया विरोध प्रदर्शन बैनर पर महिलाओं ने लिखा “देश में हिंसा का स्थान नहीं”“देश में हिंसा का स्थान नहीं” बैनर तले सैकड़ों ने प्रदर्शन किया। जानकारी के मुताबिक 40-50 की संख्या में महिलाएं शाहीन बाग व घंटाघर पर सीएए के विरोध में शुरू हुए धरने को देखते हुए उजरियांव गांव में भी धरने पर बैठ गई थीं। उस वक्त शायद किसी को भी इस बात का अंदाजा नहीं था कि यह आंदोलन इतना बड़ा आकार ले लेगा। उजरियांव में प्रदर्शन का एक महीना पूरा होने पर विशेष कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया है। इतना ही नहीं उजरियांव का धरना 19 जनवरी शाम 6 बजे करीब 50 महिलाओं से शुरू ही हुआ था कि धरने स्थल पर पुलिस आ गई। जिसके बाद पुलिस ने धरने पर बैठी हुई महिलाओं को धमकाते हुए कहा कि आप लोग यहां धरना नहीं दें सकती हैं। यह कहते हुए धरने स्थल पर लगे टेंट, कम्बल, दरी, कुर्सी, पोस्टर को पुलिस थाने उठा ले गई। हालांकि 19 जनवरी की कड़ाके की ठंड में रात में भी उजरियांव की महिलाओं ने हार न मानी वह धरने पर बैठी रहीं। धरने के दूसरे दिन से महिलाओं की संख्या बढ़ने लगी और अब महिला संघर्ष को एक महीने से ज्यादा हो गया है।