दुद्धी (सोनभद्र) : बहुजन समाज पार्टी की विधानसभा स्तरीय बैठक स्थानीय क़स्बे के डीसीएफ कालोनी स्थित गोंडवाना भवन में विधान सभा अध्यक्ष राजेश घुसिया के अध्यक्षता में आज दोपहर सम्पन्न हुई।बैठक में आगामी जिला पंचायत चुनाव को लेकर विस्तार से चर्चा की गई साथ ही संगठन के मजबूती पर भी जोर दिया।मुख्य अतिथि मंडल क्वार्डिनेटर सुबोध राम ने कार्यकर्त्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि सभी लोग अभी से ही जिला पंचायत चुनाव में जुट जाएं।ज्यादा से ज्यादा जिला पंचायत सदस्य जीतने से अध्यक्ष की भी दावेदारी हमारी हो सकती है जिससे पार्टी मजबूत होगी।कहा कि बसपा ही आम दलित आदिवासियों की सच्ची हितैषी है ,आप अपना वोट कहीं और देकर अपना वोट बर्बाद ना करें ऐसा आमजन को समझाएं।प्रत्येक बूथ अध्यक्ष अपने अपने बूथों को मजबूत करने में अभी से ही जुट जाएं।इस मौके पर जिला अध्यक्ष कमलेश गोंड ,जिला प्रभारी रामविचार गौतम ,मो वैश , राजू गुप्ता, मोहन पनिका , बाबु लाल पनिका , ,रामानंद भास्कर, माधव गोंड, ,रामनारायण गोंड, रिचकु राम , रामकेश गोंड, रामलाल,रामलाल भारती,त्रिभुवन भारती,शम्भूनाथ कौशिक,धर्मजीत भारती,अमृत लाल ,रामनारायण गोंड,सुमेर सिंह ,मो लैश ,मो महताब खान,रामलाल गोंड ,नंद कुमार,रामप्रसाद, प्रेमसागर पांडेय, जगदीश भारती के साथ अन्य पदाधिकारी व कार्यकर्ता मौजूद रहें।
लखनऊ। विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट, सीबीआई सुव्रत पाठक ने कर्नाटक कैडर के आईएएस अफसर अनुराग तिवारी की रहस्यमय परिस्थितियों में हुई मौत के संबंध में उनके भाई मयंक तिवारी द्वारा दायर प्रोटेस्ट याचिका पर आज अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया,कोर्ट ने यह आदेश मयंक की अधिवक्ता डॉ नूतन ठाकुर तथा सीबीआई के अधिवक्ता को सुनने के बाद पारित किया,सीबीआई ने यह कहते हुए केस बंद कर दिया था कि मृतक द्वारा किसी बड़े घोटाले का पर्दाफाश करने या उनके बड़े अफसरों द्वारा मृत्यु का भय होने के आरोपों की मौखिक, लिखित तथा तकनीकी साक्ष्यों से पुष्टि नहीं हो सकी. नूतन ने कोर्ट को बताया कि सीबीआई द्वारा विवेचना के कई महत्वपूर्ण बिन्दुओ को नजरंदाज किया गया था तथा उन्होंने यह पूरी विवेचना पूर्वाग्रहपूर्ण दृष्टिकोण के साथ इस केस को दुर्घटना बताने के उद्देश्य से संपादित की. इस प्रकिया में सीबीआई ने कई सारे तथ्यों एवं साक्ष्यों को दरकिनार किया, कई महत्वपूर्ण फॉरेंसिक साक्ष्यों को छोड़ दिया एवं पोस्ट मार्टम रिपोर्ट की जानबूझ कर गलत व्याख्या की,उन्होंने बताया कि प्रोटेस्ट प्रार्थनापत्र में विवेचना की समस्त खामियों को प्रस्तुत करते हुए अंतिम रिपोर्ट को निरस्त करते हुए एसपी रैंक के अधिकारी से विवेचना करवाए जाने की प्रार्थना की गयी है। सीबीआई के अधिवक्ता ने कहा कि केस के सभी पहलूओं को गंभीरता से देखा गया तथा मौत में किसी प्रकार की सदिग्ध स्थिति नहीं पायी गयी. उन्होंने कहा कि पोस्टमोर्टेम रिपोर्ट पर एम्स के डॉक्टरों की पैनल से भी राय ली गयी थी। प्रोटेस्ट प्रार्थनापत्र पर 13 मार्च 2020 को आदेश पारित होगा।
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