कोरोना वायरस के महामारी का रूप लेने की आशंका के बीच वीरवार को शेयर बाजारों में लगातार पांचवें दिन गिरावट का सिलसिला रहा। बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स 143 अंक और नीचे आ गया। कारोबारियों ने कहा कि घरेलू डेरिवेटिव अनुबंधों के निपटान की वजह से भी बाजार में उतार-चढ़ाव बना रहा। बंबई शेयर बाजार का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स दिन में कारोबार के दौरान एक समय 465.69 अंक टूटने के बाद अंत में 143.30 अंक या 0.36 प्रतिशत के नुकसान से 39,745.66 अंक पर बंद हुआ। इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 45.20 अंक या 0.39 प्रतिशत के नुकसान से 11,633.30 अंक पर आ गया। सेंसेक्स की कंपनियों में ओएनजीसी में सबसे अधिक गिरावट दर्ज हुई। एचसीएल टेक, एसबीआई, आईसीआईसीआई बैंक, इंडसइंड बैंक, हीरो मोटोकॉर्प और महिंद्रा एंड महिंद्रा के शेयरों में भी नुकसान रहा। वहीं दूसरी ओर सनफार्मा, टाइटन, एशियन पेंट्स और एक्सिस बैंक के शेयर चढ़ गए।
चालू वित्त वर्ष की अक्टूबर-दिसंबर, 2019 की तीसरी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 4.5 प्रतिशत पर स्थिर रहने का अनुमान लगाया गया है। इससे भी धारणा प्रभावित हुई। सरकार दिसंबर तिमाही के जीडीपी आंकड़े शुक्रवार को जारी करेगा। कारोबारियों ने कहा कि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) की जोरदार बिकवाली से भी खुदरा निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई है। शेयर बाजारों के अस्थायी आंकड़ों के अनुसार इस सप्ताह एफपीआई ने शुद्ध रूप से 6,812.57 करोड़ रुपये के शेयर बेचे हैं। दक्षिण कोरिया का कॉस्पी और जापान के निक्की में उल्लेखनीय गिरावट दर्ज हुई। वहीं चीन के शंघाई और हांगकांग के हैंगसेंग में लाभ रहा। यूरोपीय बाजार शुरुआती कारोबार में नीचे चल रहे थे। ब्रेंट कच्चा तेल वायदा 1.33 प्रतिशत के नुकसान से 52.11 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया। अंतर बैंक विदेशी विनिमय बाजार में दिन में कारोबार के दौरान रुपया मामूली बढ़त के साथ 71.
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